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खुशखबरी! Holi पर चार दिन का अवकाश घोषित! इस बंद रहेंगे दफ्तर ओर स्कूल

 होली न केवल रंगों का त्योहार है, बल्कि यह हमारे जीवन को खुशियों, प्रेम और एकता का संदेश देने वाला पर्व है। यह हमें याद दिलाता है कि जीवन में भले ही कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें एक-दूसरे के साथ मिलकर हर परिस्थिति का सामना करना चाहिए।

Holi: होली भारत के सबसे लोकप्रिय और जीवंत त्योहारों में से एक है, जो हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी के लिए उत्साह और खुशी का मौका लेकर आता है।

रंगों, मिठाइयों और मस्ती से भरा यह पर्व न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि हिंदू धर्म में इसका गहरा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। इस साल 2025 में होली का मुख्य दिन 14 मार्च को पड़ रहा है, जो शुक्रवार है। इस खास अवसर पर देश के ज्यादातर राज्यों में सरकारी छुट्टी घोषित की जाती है, और कई जगहों पर यह उत्सव चार दिनों तक चलता है, जिसके कारण स्कूल, कॉलेज, बैंक और अन्य शिक्षण संस्थान बंद रहते हैं।

होली का धार्मिक महत्व: हिंदू धर्म में होली का विशेष स्थान है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद और उनकी रक्षा की कथा से जुड़ा है। होलिका दहन इस कथा को याद दिलाता है, जब हिरण्यकशिपु की बहन होलिका प्रह्लाद को जलाने की कोशिश में खुद जल गई थी।

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होली को राधा-कृष्ण के प्रेम और वसंत ऋतु के आगमन के उत्सव के रूप में भी देखा जाता है। यह पर्व लोगों को आपसी मतभेद भुलाकर एक-दूसरे के साथ खुशी और रंग बाँटने का मौका देता है। होली का त्योहार केवल एक सामाजिक और सांस्कृतिक समारोह नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मकता और भाईचारे का संदेश भी लाता है।

इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं और एक-दूसरे के साथ मिलकर गाते-झूमते हैं। यह त्योहार सामाजिक तनाव को कम करने और लोगों के बीच के रिश्तों को मजबूत बनाने का कार्य करता है।Holi

होलिका दहन, जिसका आयोजन होली से एक दिन पहले किया जाता है, बुराई के प्रतीक होलिका के जलने का प्रतीक है। यह हमें यह सीख देता है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः अच्छाई की जीत होती है। इस दिन लोग एकत्र होकर होलिका दहन करते हैं, अग्नि को परिक्रमा करते हैं और एक-दूसरे के साथ इस शुभ अवसर को साझा करते हैं।

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जैसे-जैसे होली का दिन नजदीक आता है, बाजारों में चहल-पहल शुरू हो जाती है। विभिन्न प्रकार की रंग-गुलाल, खाने-पीने की चीजें और रोचक मिठाइयाँ उपलब्ध होती हैं। ज्यादातर लोग इस दिन अपने पुराने मनमुटाव भुलाकर, नए रंग और उमंग के साथ एक-दूसरे के साथ खुशियाँ साझा करते हैं।

इस अवसर पर विशेष रूप से गुजिया, लड्डू और विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। कई जगहों पर होली के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोक नृत्य, संगीत और नाटक शामिल होते हैं।

लाता है कि जीवन में भले ही कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें एक-दूसरे के साथ मिलकर हर परिस्थिति का सामना करना चाहिए।

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Holi 2025: 4 दिन की छुट्टियां

इस साल होली की तारीखें और सप्ताहांत का संयोग ऐसा है कि कई राज्यों में 13 से 16 मार्च तक लगातार 4 दिन का अवकाश मिलने की संभावना है।

  • 13 मार्च 2025 (गुरुवार): होलिका दहन (छोटी होली)। कई राज्यों में इस दिन सार्वजनिक अवकाश होता है, खासकर उत्तर भारत में।
  • 14 मार्च 2025 (शुक्रवार): रंगवाली होली (धुलेंडी)। यह होली का मुख्य दिन है और पूरे भारत में ज्यादातर जगहों पर सरकारी छुट्टी रहती है।
  • 15 मार्च 2025 (शनिवार): कुछ राज्यों में होली के बाद का दिन भी उत्सव का हिस्सा होता है, और चूंकि यह शनिवार है, स्कूल और कई संस्थानों में साप्ताहिक अवकाश रहेगा।
  • 16 मार्च 2025 (रविवार): यह सप्ताहांत का दिन है, जो स्वतः ही छुट्टी का हिस्सा बन जाता है।

 

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